चक्रवृद्धि ब्याज क्या होता है ?
जब पैसा लेने वाला आदमी एक निश्चित टाइम पर ब्याज की रकम नहीं दे पता है तो यह ब्याज की राशि मूलधन में जोड़ी जाती है और इस राशि पर फिर से ब्याज अगली निश्चित अवधि के लिए लगा दिया जाता है मतलब प्रथम अवधि का मिश्रधन अगली अवधि के लिए मूलधन बना दिया जाता है l इस तरह अंत में प्राप्त मिश्रधन, चक्रवृद्धि मिश्रधन कहलाया जाता है l चक्रवृद्धि मिश्रधन और मूलधन का अंतर को ही चक्रवृद्धि ब्याज कहा जाता है l
चक्रवृद्धि ब्याज को उदाहरण द्वारा समझे
यदि 100 रूपये मैंनें आपको को 10% वार्षिक की दर से 3 साल के लिए चक्रवृद्धि ब्याज पर उधार दिए तो 3 वर्ष के अंत में आपको कितनी राशि मुझे देने होंगे ?
पहला साल 10% की दर से ब्याज = 100 + 10 = 110 रूपये
दुसरे साल 10% की दर से ब्याज = 110 + 11 = 121 रूपये
तीसरे साल 10% की दर से ब्याज = 121 + 12.10 = 133.10 रूपये
तो अब चक्रवृद्धि ब्याज पर आपको 133.10 रूपये मुझे देने होंगे अगर अपने साधारण ब्याज पर पैसे लिए होते तो आपको 130 रूपये देने होते लेकिन अपने तो मुझसे चक्रवृद्धि ब्याज पर पैसा लिया है अब आप मेरा पैसा मुझे दे दीजिए l इस लिए कहा जाता है कि चक्रवृद्धि ब्याज पर पैसा लेना बहुत महंगा पड़ता है l
तो अब आप समझ चुके होंगे कि चक्रवृद्धि ब्याज क्या होता है और किस प्रकार से कार्य करता है l नीचे हम चक्रवृद्धि ब्याज के प्रश्नों को हल करने के लिए उपयुक्त पीडीएफ फाइल दे रहे हैं इन पीडीएफ फाइल को डाउनलोड करने के बाद आप ऑफलाइन होने पर भी चक्रवृद्धि ब्याज के बारे में व चक्रवृद्धि ब्याज को समझ सकते हैं l
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